अपने संबंधित ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए, आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट बुक और अन्य अनुरोधित दस्तावेज़ अपने साथ लाने होंगे।
जिससे आप सभी आसानी से अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है ! आज के इस पोस्ट में हम आपको सबकुछ बताते हैं
आप घर बैठे अपना ड्राइविंग लाइसेंस कैसे प्राप्त कर सकते हैं? अगर आपके पास अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है
और अब जब आप अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आप सभी के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है।
अगर आप भारत के किसी भी राज्य से आते है इस जानकारी के आधार पर अब आप बिना आरटीओ जाए अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं।
आप देश के किसी भी राज्य से आये हो आप अपने ड्राइवर के लाइसेंस के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं?
हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप सभी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है आपके समझने में कोई दुविधा ना हो इसके लिए आप हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें तथा अंत तक जरूर पढ़ें.
Contents
Driving License (DL) के लिए ड्राइविंग टेस्ट जरूरी नहीं
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाना अब बेहद आसान हो गया है. केंद्र सरकार द्वारा कुछ नियमों में बदलाव किया गया है,
जिसके बाद आम आदमी को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं होगी.
अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जाने और लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं है।
केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों को बेहद आसान बना दिया है.
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ड्राइविंग स्कूल जाओ और प्रशिक्षण लो
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आरटीओ में टेस्ट का इंतजार नहीं करना होगा. आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
उन्हें ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेनी होगी और वहीं टेस्ट पास करना होगा. आवेदकों को स्कूल की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसी प्रमाण पत्र के आधार पर आवेदक का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.
क्या हैं नए नियम
- प्रशिक्षण केंद्रों को लेकर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से कुछ दिशा-निर्देश और शर्तें भी हैं. जिसमें प्रशिक्षण केंद्रों के क्षेत्र से लेकर प्रशिक्षक की शिक्षा तक शामिल है.
- अधिकृत एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि दोपहिया, तिपहिया एवं हल्के मोटर वाहनों के प्रशिक्षण केन्द्रों के पास कम से कम एक एकड़ भूमि हो, मध्यम एवं भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के केन्द्रों के लिये दो एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी.
- ट्रेनर कम से कम 12वीं पास होना चाहिए और कम से कम पांच साल ड्राइविंग का अनुभव होना चाहिए, ट्रैफिक नियमों से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए.
- मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 सप्ताह होगी जो 29 घंटे तक चलेगी. इन ड्राइविंग सेंटरों के सिलेबस को दो भागों थ्योरी और प्रैक्टिकल में बांटा जाएगा.
- लोगों को बुनियादी सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, अपहिल और डाउनहिल ड्राइविंग आदि पर वाहन चलाना सीखने में 21 घंटे खर्च करने पड़ते हैं. सिद्धांत भाग में पूरे पाठ्यक्रम के 8 घंटे शामिल होंगे, इसमें सड़क शिष्टाचार को समझना शामिल होगा. रोड रेज, यातायात शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ईंधन दक्षता ड्राइविंग.
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